तैयारी एक लम्बी यात्रा की !
हर यात्रा में शामिल है लौटना
अपने-अपने तरीके से
लौटता है कोई रोज़ द़फ़्तर से
पीठ पर लादे अपमानो की गठरी
और पोस्टडेटेड चेक़ों में
क़तरा-क़तरा बिकी सुरक्षा ओढ़कर
सो जाता हैं स्वप्नहीन नींद में ।
कोई लौटता है
प्यार की भरपूर तलाश के बाद
गले में बांधे शर्तों का पत्थर
और डूब जाता है
सात फेरों के दलदल में.
लौटता है
महानगर की अनवरत भागती सडकों से निकल
बरगद की ठहरी सी छाया में
और अगले ही पल सोचने लगता है
लौटने के बारे में।
लौटता है
नई ज़मीन की तलाश मे निकला कवि
उदास हाथों में पुरस्कार संभाले।
एक अधूरी कविता निकलती है
बाज़ार में शब्द तलाशती
और लौट आती है भकुआई सी।
लौट जाते हैं
जंगलों की तलाश में निकले बादल
खेतों की मेढ़ से....
अजीब समय है यह दोस्तों
अनन्त अनचाही यात्राओं में
हर कोई जी रहा हो जैसे विस्थापन
और ऐसे में बेहद ख़तरनाक है लौटना
अगर नहीं है वह
तैयारी एक लम्बी यात्रा की !
अपने-अपने तरीके से
लौटता है कोई रोज़ द़फ़्तर से
पीठ पर लादे अपमानो की गठरी
और पोस्टडेटेड चेक़ों में
क़तरा-क़तरा बिकी सुरक्षा ओढ़कर
सो जाता हैं स्वप्नहीन नींद में ।
कोई लौटता है
प्यार की भरपूर तलाश के बाद
गले में बांधे शर्तों का पत्थर
और डूब जाता है
सात फेरों के दलदल में.
लौटता है
महानगर की अनवरत भागती सडकों से निकल
बरगद की ठहरी सी छाया में
और अगले ही पल सोचने लगता है
लौटने के बारे में।
लौटता है
नई ज़मीन की तलाश मे निकला कवि
उदास हाथों में पुरस्कार संभाले।
एक अधूरी कविता निकलती है
बाज़ार में शब्द तलाशती
और लौट आती है भकुआई सी।
लौट जाते हैं
जंगलों की तलाश में निकले बादल
खेतों की मेढ़ से....
अजीब समय है यह दोस्तों
अनन्त अनचाही यात्राओं में
हर कोई जी रहा हो जैसे विस्थापन
और ऐसे में बेहद ख़तरनाक है लौटना
अगर नहीं है वह
तैयारी एक लम्बी यात्रा की !
टिप्पणियाँ
वैसे लौटने के कई सकारात्मक पक्ष भी होते हैं!!
kam भकुआई सी nahin aapki yah kavita.
khubsoorat se shbdo ki is yatra me yah rachna bhi dil ke kareeb lagi yaani gambheer aour satya.
नई ज़मीन की तलाश मे निकला कवि
उदास हाथों में पुरस्कार संभाले।
एक अधूरी कविता निकलती है
बाज़ार में शब्द तलाशती
और लौट आती है भकुआई सी।
हमेशा की तरह सच और यथार्थ.
aapki is kavita ne kahin bheetar choo liya hai mujhe ... i am speachless ..
no words can describe this outburst of emotions ..aap bahut acha likhte hai .. mujhe aapse seekhna hai ..
dhanywad
vijay
www.poemofvijay.blogspot.com