मेज़र गौतम राजरिशी के लिए
मेजर गौतम राजरिशि बीमार हैं, यह सूचना आज ही मुझे मिली।
वह मेरे उन मित्रों में शामिल हैं जिनसे ब्लाग पर ही मुलाकात हुई। असुविधा के नियमित पाठक गौतम के भीतर एक संवेदनशील और निच्छल मन है जिसकी बानगी उनकी कविताओं और टिप्पणियों में मिलती है।
असुविधा पर कविताओं के अलावा मैने कभी कुछ नहीं लगाया। लेकिन यह पोस्ट सिर्फ़ उन्हें शुभकामनायें देने के लिये। वह शीघ्र स्वस्थ हों तथा दीर्घजीवी हों इस शुभकामना के साथ।
उनके ब्लाग पर तो इक्कीस तारीख की पोस्ट लगी है!
कहीं यह सूचना ग़लत तो नहीं?
काश कि ऐसा ही हो!
टिप्पणियाँ
यह सब कैसे हुआ? अब वे कैसे हैं?
प्लीज़ जिस किसी साथी को इसके संबंध में सूचना मिले वह इसी पोस्ट पर मुझे सूचित करे … मै गौतम जी के स्वस्थ होने तक यहां कोई दूसरी पोस्ट नहीं लगाऊंगा।
प्लीज़ सूचना ज़रूर दें।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अशोक जी को प्रणाम,
आपके स्नेह से अभिभूत हूं। अभी ठीक हूं। सुधार है। फिलहाल तो हास्पिटल में ही हूं और शायद दो-ढाई हफ़्ते और रखेंगे। बांये हाथ में गोली लगी थी बाईस तारीख को। घाव और चोट भरने में तो अभी वक्त लगेगा...शायद डेढ़-दो महीने में पूरी तरह फिट हो जाऊं। दांये हाथ से धीरे-धीरे टाइप कर पा रहा हूं। अपने दो दोस्त खोये इस मुठभेड़ में, वो चोट ठीक होने में व्क्त लगेगा।
आपके स्नेह ने बांध लिया....मोबाइल नंबर नोट कर लिया है। कभी काल करता हूं आपको मन तनिक व्यवस्थित होते ही।
आपका ही एक फैन
-गौतम
कविता पढते हुए पाठक भी कविता पाठ करता है, एेसे में भाषायी अशुद्धता दाल में कंकड का काम करती है। आपकी कविता का कथ्य एवं शिल्प गंभीर है, सराहनीय है। बस ज की जगह ज़ का अनुचित प्रयोग न करें। हिन्दी के लेखकों एवं पाठकों को भाषा की त्रुटि पर ध्यान देते रहना चाहिए।
सधन्यवाद