पाब्लो नेरुदा की छह कविताएं (अनुवाद- संदीप कुमार )



पाब्लो नेरुदा दुनिया के सबसे मक़बूल कवियों में से हैं. इश्क़ और इन्किलाब के हज़ार रंग उनके यहाँ बिखरे हुए हैं. हिंदी में उनका भरपूर अनुवाद हुआ है और अब तो जैसे हमें वे अपने ही कवि लगते हैं. युवा मित्र संदीप कुमार ने उनकी कविताओं के ये जो अनुवाद भेजे उनमें एक अलग सी ताज़गी है. कविता के भीतर जाकर भाषांतर करते हुए भी उसकी कोमलता को बरक़रार रख पाना किसी भी अनुवादक के लिए बड़ी चुनौती है और संदीप इसमें काफी हद तक सफल हुए हैं. आगे उनके और अनुवाद हम प्रस्तुत करेंगे.



कुम्हार-पाब्लो नेरुदा की कविता 'पॉटर' का अनुवाद

तुम्हारे शरीर की संपूर्णता
उसकी नर्मी मेरे लिये है

जब मैं उठाता हूं अपने हाथ
तो उनमें दो कपोत पाता हूं
वह मेरी खुद की तलाश थी मानो
कुम्हार की तरह मैंने
अपने हाथों से तुम्हें 
प्यार की मिट्टïी से गढ़ा

तुम्हारे घुटने, तुम्हारे स्तन
तुम्हारी कमर
ये सब मेरे ही तो खोये हुए हिस्से हैं
मानो प्यासी धरती का शून्य
जहां से उन्होंने आखिरकार
एक रूप धरा और फिर
हम पूर्ण हुए 
एक नदी की तरह
रेत के एक अकेले दाने की मानिंद.

हमेशा-पाब्लो नेरुदा की कविता 'आलवेज ' का अनुवाद

जो कुछ भी देखा मैंने
वह कभी नहीं बन सका रश्क का सबब

तुम अपने कांधे पर एक आदमी
का बोझ लिये आओ
अपने गेसुओं में उलझा लाओ
सैकड़ों को
या फिर अपने स्तनों और तलवों के दरमियान
समेटे हुए आओ असंख्य आदमियों के निशां
तुम एक नदी की तरह आओ
जो पट चुकी हो पूरी
खुद में डूबे हुए आदमियों से

नदी की तरह आओ
जो पट गयी हो डूबे हुए आदमियों से,
जो उन्मत्त सागर से जा मिले
और समय की अनंत धारा में
विलीन हो जाये!
उन सबको वहां लाओ

जहां मैं प्रतीक्षारत हूं तुम्हारे लिये,
हम हमेशा अकेले रहेंगे
रहेंगे केवल मैं और तुम
इस भरी-पूरी पृथ्वी पर अकेले
जीवन शुरू करने की खातिर!



तुम्हारे पाँव-पाब्लो नेरुदा की कविता 'योर फ़ीट' का अनुवाद

जब तुम्हारे चेहरे पर नहीं ठहरती मेरी नजर
तब मैं तुम्हारे पांवों की जानिब देखता हूँ
तुम्हारे मेहराबदार
छोटे सख्त पाँव
मैं जानता हूँ ये तुम्हें सहारा देते हैं
इन्हीं के सहारे तो है
तुम्हारा हल्का बदन
तुम्हारी कमर और तुम्हारे स्तन,
तुम्हारे जुड़वां बैंगनी कुचाग्र
तुम्हारी झपकती पलकों के साये
तुम्हारा रसीला मुंह और
घुंघराले लाल बाल

ओ मेरी नन्ही मीनार
लेकिन मुझे तुम्हारे पांवों से प्यार है
क्योंकि उन्होंने नापी तमाम धरती,
हवाओं और सागरों को पार किया
तब तक, जब तक
तलाश नहीं लिया मुझे

गर तुम मुझे भुला बैठो- पाब्लो नेरुदा की कविता 'इफ यू फॉरगेट मी' का अनुवाद

इक बात कहना चाहता हूं तुमसे
तुम्हें पता है कैसे हैं हालात:

गर मैं देखता हूं
चमकते चांद को
या खिड़की से झांकती पतझड़ में 
सुर्ख हो चली टहनियों को
अगर मैं छूता हूं
आग के करीब
अदृश्य राख को
या झुर्रीदार दरख्त को
तो ये हर चीज मुझे तुम तक ले जाती है
मानो हर मौजूद चीज
खुशबू, रौशनी, धातुएं
सबकी सब नन्हीं कश्तियां हों
जो मुझे ले जाती हों तुम तक
तुम जो टापू थीं मेरे इंतजार का

और अब,
अगर धीरे-धीरे तुम कम कर दो मुझे चाहना
और धीरे-धीरे मैं भी..

अगर अचानक
तुम मुझे भूल जाओ
बंद कर दो मेरी राह तकना
तो मैं उससे भी पहले तुम्हें भूल चुका होऊंगा


गर मेरी जिंदगी से गुजरती हवाएं
उनमें लिपटी अतीत की परछाइयां 
तुमको बहुत लंबी लगें या प्रतीत हों मेरा कोई पागलपन
और तुम यह तय करो
कि मुझे हृदय के उस छोर पर छोड़ दोगी
जहां मेरी जड़ें हैं
तो याद रखना
कि उस दिन
उस घड़ी
मैं अपने बाजू उठाऊंगा
और मेरी जड़ें निकल पड़ेंगी
किसी और जमीन की तलाश में

लेकिन हर रोज
हर घड़ी
एक अतृप्त मीठी प्यास के साथ तुम्हें यह महसूस होगा
कि मैं तुम्हारी नियति हूं
अगर हर रोज मेरी याद 
खिला दे तुम्हारें होठों पर एक फूल
तो ओह मेरे प्यार, ओह मेरे तुम,
तो वह आग मुझमें दोबारा धधक उठेगी
मुझमें कुछ भी बुझा नहीं है और न ही भुलाया गया है
मेरा प्रेम, तुम्हारे प्रेम में पगा, उसी पर तो पलता है
और जब तक तुम जीवित हो, यह तुम्हारी बाहों में रहेगा
बिना मुझे छोड़े.

एक औरत का जिस्म-पाब्लो नेरुदा की कविता 'बॉडी ऑफ  अ वुमन' का अनुवाद

एक औरत का जिस्म
सफेद पर्वतों की सी रानें
तुम एक पूरी दुनिया नजर आती हो
जो लेटी है समर्पण की मुद्रा में 
मेरी ठेठ किसान देह धंसती है तुममें 
और धरती की गहराइयों से सूर्य उदित होता है

मैं एक सुरंग की तरह तनहा था
चिडिय़ा तक मुझसे दूर भागती थीं,
और रात एक सैलाब की तरह मुझ पर धावा बोलती थी
अपने बचाव के लिए मैंने तुम्हें एक हथियार की मानिंद बरता
मानो मेरे तरकश में एक तीर, मेरी गुलेल में एक पत्थर
लेकिन प्रतिशोध का वक्त खत्म हुआ और मैं तुम्हें प्यार करता हूं
चिकनी रपटीली काई सा अधीर लेकिन सख्त दूधिया शरीर
ओह ये प्यालों से गोल स्तन, ये खोई सी वीरान आंखें!
ओह नितंब रूपी गुलाब! ओह वह तुम्हारी आवाज, मद्घम और उदास!

ओह मेरी औरत के जिस्म, मैं तुम्हारे आकर्षण में बंधा रहूंगा
मेरी प्यास, मेरी असीम आकांक्षाएं मेरी बदलती राह!
उदास नदियों के तटों पर निरंतर बहती असीमित प्यास
जिसके बाद आती है
असीमित थकान और दर्द.

आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं
-पाब्लो नेरुदा की कविता 'यू स्टार्ट डाइंग स्लोली' का अनुवाद

आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं
अगर आप नहीं निकलते सफऱ पर
अगर आप नहीं निकालते पढऩे के लिए वक्त
अगर आप जिंदगी की गूँज सुनना बंद कर देते हैं
अगर आप बंद कर देते हैं खुद को सराहना

आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं
जब आप अपने ही स्वाभिमान को मार देते हैं
जब आप औरों की मदद लेने तक से गुरेज करते हैं

आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं
जब आप अपनी आदतों के ग़ुलाम बन जाते हैं
जब आप रोज पुरानी राहों पर ही चलते हैं
जब आप नहीं बदलते अपने पुराने ढरेज़्
जब आप की पोशाक से रंगीनियत उड़ जाती है
या आप बंद कर देते हैं अजनबियों से गुफ्तगू

आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं
अगर आप महसूस नहीं कर पाते जुनून को
और उन उतरती चढ़ती भावनाओं को
जिनसे चमक उठती हैं आपकी आँखें
और तेज हो उठती हैं दिल की धड़कनें

आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं
अगर आप अपने काम,अपने प्यार से संतुष्ट न होने पर
भी, बदलते नहीं हैं जिंदगी जीने का तरीका
अगर आप अनिश्चितता के पक्ष में जोखिम लेना बंद कर देते हैं
अगर आप अपने ख्वाब का पीछा नहीं करते
अगर आप जिंदगी में कम से कम एक बार
समझदारी भरी सलाह से दूर नहीं भागते

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 संदीप कुमार 

पेशे से पत्रकार दिल साहित्य में लगता है. रहनवारी भोपाल में 

टिप्पणियाँ

खूबसूरत अनुवाद है। नेरुदा को फिर से पढ़वाने के लिए शुक्रिया।
Onkar ने कहा…
सुन्दर अनुवाद
बेहतरीन अनुवाद पाब्लो नेरुदा की कविताओं का "कुम्हार" और
"आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं" लाजवाव हैं।
बेहतरीन अनुवाद पाब्लो नेरुदा की कविताओं का "कुम्हार" और
"आप एक धीमी मौत मरने लगते हैं" लाजवाव हैं।
Pranjal Dhar ने कहा…
सच कहा, नेरूदा तो अब पूरे भारतीय कवि ही लगते हैं।
फिर भी, नए तरीके से पढ़ने का अवसर मिला, बेहद साधारण विषयों पर असाधारण कविताएँ।
सादर,
प्रांजल धर
Pranjal Dhar ने कहा…
सच कहा, नेरूदा तो अब पूरे भारतीय कवि ही लगते हैं।
फिर भी, नए तरीके से पढ़ने का अवसर मिला, बेहद साधारण विषयों पर असाधारण कविताएँ।
सादर,
प्रांजल धर
vandana gupta ने कहा…
बढ़िया अनुवाद
कविता रावत ने कहा…
पाब्लो नेरुदा की सुन्दर कवितायेँ पढ़वाने के लिए आभार!
बेनामी ने कहा…
भाई संदीप आभार। चयन और अनुवाद दोनों ही लाजवाब। इन कविताओं को पढ़कर कविता में विश्वास और ज्यादा बढ़ता है। पुनः बधाई। - प्रदीप मिश्र।
बेनामी ने कहा…
If you forget me...
बेनामी ने कहा…
मुझमे कुछ भी बुझा नहीं है न भुलाया गया है
मेरा प्रेम तुम्हारे प्रेम में पगा उसी पर तो पलता है
और जब तक तुम जीवित हो यह तुम्हारी बाहों में रहेगा
बिना मुझे छोड़े ...
Unknown ने कहा…
good poems as well as translation

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