अच्छे आदमी
अच्छे आदमी
अंधेरा होते ही बंद कर लेते हैं दरवाज़ा
अच्छे आदमी
करते हैं अच्छी-अच्छी बातें
नाप जोख कर लिखते हैं कवितायें
सोच समझ कर करते हैं हर काम
यहां तक की प्यार भी।
अच्छे आदमी के कपड़ों पर
नहीं होता कोई दाग़
घर होता है सुन्दर सा
पत्नी सुशील-बेटा मेधावी-बेटी-गृहकार्यदक्ष !
अच्छे आदमी
नहीं करते कोई बुरी बात
देखते हैं पारिवारिक धारावाहिक
और बदल देते हैं चैनल
चुंबन दृश्य से ठीक पहले।
अच्छे आदमी होते हैं
समय के इतने पाबंद कि
दफ़्तर तो दफ़्तर
संडास आने जाने से भी
मिलाई जा सकती हैं घड़ियां।
अच्छे आदमी
वैसे तो होते हैं स्वस्थ और प्रसन्नचित्त
लेकिन कभी जब आ ही जाता है गुस्सा
पांच बार दोहराते हैं गायत्री मंत्र
और पानी पीकर सो जाते हैं।
अच्छे आदमी
होते हैं बहुत अच्छे दोस्त
अच्छे वक़्त में
अच्छे आदमी
सोचते हैं हमेशा अच्छी बातें
यहां तक कि दुनिया बदल देने के बारे में भी
लेकिन सिर्फ़ सोचते हैं
अच्छे आदमी
होते हैं कुछ इस क़दर अच्छे
कि कई बार
शक़ होता है
उनके पूरे आदमी होने पर
अंधेरा होते ही बंद कर लेते हैं दरवाज़ा
अच्छे आदमी
करते हैं अच्छी-अच्छी बातें
नाप जोख कर लिखते हैं कवितायें
सोच समझ कर करते हैं हर काम
यहां तक की प्यार भी।
अच्छे आदमी के कपड़ों पर
नहीं होता कोई दाग़
घर होता है सुन्दर सा
पत्नी सुशील-बेटा मेधावी-बेटी-गृहकार्यदक्ष !
अच्छे आदमी
नहीं करते कोई बुरी बात
देखते हैं पारिवारिक धारावाहिक
और बदल देते हैं चैनल
चुंबन दृश्य से ठीक पहले।
अच्छे आदमी होते हैं
समय के इतने पाबंद कि
दफ़्तर तो दफ़्तर
संडास आने जाने से भी
मिलाई जा सकती हैं घड़ियां।
अच्छे आदमी
वैसे तो होते हैं स्वस्थ और प्रसन्नचित्त
लेकिन कभी जब आ ही जाता है गुस्सा
पांच बार दोहराते हैं गायत्री मंत्र
और पानी पीकर सो जाते हैं।
अच्छे आदमी
होते हैं बहुत अच्छे दोस्त
अच्छे वक़्त में
अच्छे आदमी
सोचते हैं हमेशा अच्छी बातें
यहां तक कि दुनिया बदल देने के बारे में भी
लेकिन सिर्फ़ सोचते हैं
अच्छे आदमी
होते हैं कुछ इस क़दर अच्छे
कि कई बार
शक़ होता है
उनके पूरे आदमी होने पर
टिप्पणियाँ
होते हैं कुछ इस क़दर अच्छे
कि कई बार
शक़ होता है
उनके पूरे आदमी होने पर
ek achchhi rachna par aapki ye baat kuchh hajam nahi huee
बने भगतसिंह पड़ोसी घर में छुपी ये चाहत सभी के मन में।
इसी द्वंद ने उपवन के सब कली सुमन को जला दिया।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.
होते हैं सभी अच्छे आदमी
आदमी होते हैं वे पूरे पर
नहीं होते वे अधूरे कवि।
badhaai !
क्यों ठीक है ना?
अच्छेपन के अंतर्विरोधों को बेहतर शब्द दिए हैं जो कि सीधे समझ पर हमला करते हैं...
बहुत दिनों बाद एक सधी हुई कविता पढने को मिली...
सीधे दिमाग से नज़रें मिलाती हुई...
मैं speachless हूँ ..बस एक शब्द कहूँगा " ulti mate " मैंने कई बार पढ़ा ..आज के मानव के थोथे चहरे पर प्रहार करती हुई सी है ..लेकिन एक नाजुक सी डोर भी है ..कुछ बन्दे तो वाकई में अच्छे होते है ....फिर उनका अच्छापन और ये नकलीपन के बीच कि दूरी अक्सर दिखाई नहीं देती है ..
anyway ...kudos to you boss.. इस शानदार अभिव्यक्ति के लिए ...
विजय
mujhe hindi ke kuchh aala kavi-aalochak ki yad aa gyi ...aap ne uhi jaise kisi ko samarpit kar di hoti to...aur sukh milta...ho sakta h iske liye aapko lalit kala academi se best kavi ka award mil jata !!!!!!
नहीं करते कोई बुरी बात
देखते हैं पारिवारिक धारावाहिक
और बदल देते हैं चैनल
चुंबन दृश्य से ठीक पहले।
BAHUT BADHIYA
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चाँद, बादल और शाम | गुलाबी कोंपलें
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Regards
fazal
fazalsathya@gmail.com
जाने कितनी जगह चर्चा कर चुका हूँ आपके नाम का, आपकी कविताओं का!! ज्यादा हिचकियां तो नहीं आती आपको?
अभी तक की पढ़ी समस्त रचनाओं मे ये वाली तनिक कमजोर सी लगी...