अलविदा मेराज फैज़ाबादी! - कुलदीप अंजुम
सुना है बंद कर लीं उसने आँखें ! कई रातों से वो सोया नहीं था !! और फिर वो थकी हुई आँखें जिन्होंने सदियों की हक़ीकत देखी - समझी … अपने अशआरों में दर्ज़ की …. आने वाली सैकड़ों सदियों के लिए ख्वाब बुने ब्लड कैंसर से लड़ते लड़ते शनिवार सवेरे हमेशा हमेशा के लिए बंद हों गयीं ! हर दिल अज़ीज और बेहद मोअतबर शायर मेराज उल हक़ उर्फ़ मेराज फ़ैज़ाबादी इस दौर के उन गिने चुने शायरों में हैं जिन्होंने तेज़ी से बदलते वक़्त और मुशायरों के गिरते स्तर के बीच शायरी का न सिर्फ मेयार बनाये रखा वरन मौज़ूदा दौर की तमाम फ़िक्रों को बेहद खूबसूरती के साथ अपने अशआरों में शामिल किया ! फैज़ाबाद के कोला शरीफ गाँव में सिराजुल हक के घर 71 वर्ष पहले एक बच्चे ने इस दुनिया में कदम रखा , नाम रखा गया मेराजुल हक जो अदब की दुनिया में मेराज फैजाबादी नाम से रोशन हुआ। 1962 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी की ! कुल तीन मज़मुआ - ए - कलाम शाया हुए : ' नामूश ’, ‘ थोड़ा
टिप्पणियाँ
poorepan ki ye talaash poori ho, isi shubh kaamna ke saath
happy new year.
मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
बेहतरीन कविता । आभार ।
नुतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
पर देखूंगा एक पूरा स्वप्न।
जीना चाहूंगा
एक पूरी ज़िदगी।
bahut sundar aapake sabhee sapane naye saal me poore hoM dhanyavaad aur shubhakaamanaayen
पूरेपन की तलाश में
पूरे साल
Yahi hamari niyati hai.
Nav varsh ki dheron shubkamnayen.
बेहतरीन तोहफा नव वर्ष का
भटकूंगा
पूरेपन की तलाश में
पूरे साल
यह पूरेपन की तलाश उम्र भर पीछा नहीं छोडती..
नया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
नये साल की आपको भी समस्त शुभकामनायें! ईश्वर करे आपकी लेखनी यूं ही हम सब को चमत्कृत करती रहे...और आप यूं ही पूरे स्वर में गाते रहें कोई मुक्तगान।