लैटिन अमेरिका से तीन कवितायें
राबर्टो सोसा का जन्म १९३० में होंडुरास के योरो शहर में हुआ. सोसा "प्रेजेंते" के संपादक, "होंडुरास जर्नलिस्ट युनियन" के अध्यक्ष और होंडुरास के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में साहित्य के प्रोफ़ेसर हैं. कैलिग्राम्स, वाल्स, द सी इनसाइड, द पूअर, ए ब्रीफ स्टडी आफ पोएट्री एंड इट्स क्रियेशन, अ वर्ल्ड फार आल डिवाइडेड और 'द कामन ग्रीफ' इनकी प्रमुख रचनाओं में से हैं. विभिन्न भाषाओं में अनूदित इनकी कवितायें लैटिन अमरीकी समय और समाज का ज़िंदा दस्तावेज़ हैं. यहाँ प्रस्तुत अनुवाद मार्टिन एस्पादा द्वारा संपादित कविता पुस्तक "पोएट्री लाइक ब्रेड" से साभार.
साझा दुःख
हम
दुनिया भर की माँयें और बेटियाँ
यहाँ करती हैं
उनका इंतज़ार
सुनो हमें. “उन्हें ज़िंदा ले गए थे वे, हम उन्हें ज़िंदा
वापस चाहती हैं”
गौर करो हम पर, गिरफ्तार और लापता बाप और बेटे और भाइयों के नाम
पर
हम सर उठाये हुए करती हैं उनका इंतज़ार
एकसाथ यूं कि जैसे किसी घाव पर लगे हुए टाँके
कोई नहीं बाँट सकता
कोई नहीं अलगा सकता हमारे इस साझे दुःख को
स्मृति संख्या १ और २
मेरी सबसे पुरानी स्मृति
शुरू होती है एक जल कर खत्म हो चुकी स्ट्रीटलाईट से
और खत्म होती है एक मुर्दा गली में बहते हुए
सार्वजनिक नल से
मेरी दूसरी स्मृति एक ताबूत से पैदा होती है
हिंसक रूप से मृत ताबूतों का एक जुलूस
अल्फांसो क्विजादा यूरिआस की एक कविता
खत
मैं दिलासा देता हूँ खुद को कि किसी दिन
किराने की इस बेचारी दुकान का मालिक
मेरे लिखे हुए पन्नों से कागज़ के ठोंगे बनाएगा
जिसमें भविष्य के उन लोगों को देगा काफी और शक्कर
जो ज़ाहिर वजूहात से
आज नहीं ले सकते काफी और शक्कर का स्वाद
इसका एक और अनुवाद यहाँ पढ़ें.
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