अवनीश गौतम की कविताएँ
अवनीश की कविताओं से मेरा परिचय बहुत पुराना नहीं है. कुछ महीनों पहले एक आयोजन में पहली बार उनकी कवितायेँ सुनते चौंका था. जितनी सहजता से वह प्रेम की कोमल तान छेड़ते हैं उतनी ही सहजता से तीख़ी और ताक़तवर प्रतिरोध की कविताएँ भी लिखते हैं. ये कविताएँ उन्होंने 24 जनवरी को आग़ाज़ के सामूहिक भूख हड़ताल के समय रोहित वेमुला को समर्पित करते हुए पढ़ीं. उनकी कुछ और कविताएँ जल्द असुविधा पर होंगी.
आपके जैसा
1
हमारे
और आपके आँसुओं में एक फर्क है
हमारे आंसू आपके आँसुओं की तरह गोल नहीं,
नुकीले हैं...तीर की तरह नुकीले..
एक दिन हम आपकी दुनिया के
इस गलीज़ मुँह को
अपने तीरों से बींध देंगे
हमारे आंसू आपके आँसुओं की तरह गोल नहीं,
नुकीले हैं...तीर की तरह नुकीले..
एक दिन हम आपकी दुनिया के
इस गलीज़ मुँह को
अपने तीरों से बींध देंगे
2
आपको गुस्सा अच्छा नहीं
लगता
लेकिन आपको गुस्सा आता है
आपको घिन अच्छी नहीं लगती
लेकिन आपको घिन आती है
लेकिन आपको गुस्सा आता है
आपको घिन अच्छी नहीं लगती
लेकिन आपको घिन आती है
मैं आता हूँ तो आपको गुस्सा आता है
मैं आता हूँ तो आपको घिन आती है
मैं आता हूँ तो आपको घिन आती है
वैसे आती है तो आए मेरी बला से
मैं तो अब आता हूँ
आपका एक एक दरवाज़ा
आपका एक एक ताला तोड़ते हुए
मैं तो अब आता हूँ
ये घर मेरा है और
अब मैं इसमे रहने आता हूँ
मैं तो अब आता हूँ
आपका एक एक दरवाज़ा
आपका एक एक ताला तोड़ते हुए
मैं तो अब आता हूँ
ये घर मेरा है और
अब मैं इसमे रहने आता हूँ
कब्ज़ेदारों!
जो तुमने जला रखे हैं अपनी महान
संस्कृति के हवन कुंड
ऐ पवित्र देवताओं उन्हीं में तुम्हारी हुंडियाँ
जलाने आता हूँ
जो तुमने जला रखे हैं अपनी महान
संस्कृति के हवन कुंड
ऐ पवित्र देवताओं उन्हीं में तुम्हारी हुंडियाँ
जलाने आता हूँ
ये जो तुमने चमका रखी हैं
अपनी झूठी और विशाल छवियों को प्रक्षेपित
करती विशाल काँच की दीवारें
उनको अपनी चीत्कारों से गिराने आता हूँ
ड्योढ़ी से ले कर गुसलखाने तक
अपना दावा जताने आता हूँ
अपने घर को मैं अपना बनाने आता हूँ
अपनी झूठी और विशाल छवियों को प्रक्षेपित
करती विशाल काँच की दीवारें
उनको अपनी चीत्कारों से गिराने आता हूँ
ड्योढ़ी से ले कर गुसलखाने तक
अपना दावा जताने आता हूँ
अपने घर को मैं अपना बनाने आता हूँ
क्या करूँ
मुझे भी गुस्सा अच्छा नहीं लगता
लेकिन मुझे भी गुस्सा आता है
मुझे भी गुस्सा अच्छा नहीं लगता
लेकिन मुझे भी गुस्सा आता है
3
आप कहते हैं
मैं प्यार की बात नहीं करता
आप पर भरोसा नही करता
तो आप ही बताएँ
आप पर भरोसा कैसे किया जाए
आपने प्यार से मुझे शक्कर कहा
और अपने दूध में घोल कर मुझे गायब कर दिया
गायब क्या कर दिया आप तो मुझे पी ही गये
फिर आपने मुझे नमक कहा और
अपनी दाल में डाल कर मुझे गायब कर दिया
गायब क्या कर दिया आप तो मुझे खा ही गये
आपको धोखा पसंद नहीं
लेकिन आपको धोखा देना आता है
मुझे भी धोखा देना पसंद नहीं
लेकिन मैं भी सीख लूँगा
सब्र कीजिए एक दिन
आपको वैसा ही प्यार करूँगा
जैसे आपने मुझे किया
मैं प्यार की बात नहीं करता
आप पर भरोसा नही करता
तो आप ही बताएँ
आप पर भरोसा कैसे किया जाए
आपने प्यार से मुझे शक्कर कहा
और अपने दूध में घोल कर मुझे गायब कर दिया
गायब क्या कर दिया आप तो मुझे पी ही गये
फिर आपने मुझे नमक कहा और
अपनी दाल में डाल कर मुझे गायब कर दिया
गायब क्या कर दिया आप तो मुझे खा ही गये
आपको धोखा पसंद नहीं
लेकिन आपको धोखा देना आता है
मुझे भी धोखा देना पसंद नहीं
लेकिन मैं भी सीख लूँगा
सब्र कीजिए एक दिन
आपको वैसा ही प्यार करूँगा
जैसे आपने मुझे किया
स्वच्छता कार्यक्रम
जिन्हे जलाया जा रहा है
उन्हे भी बताया जा रहा हैं कि
स्वच्छता है सबसे ज़रूरी
जैसे वे बने ही नहीं हैं हाड़ मांस से
बस थोड़ा हंसिया खुरपी चलाई
थोड़ा तेल तीली डाली और बस्स देखो कैसा
भह-भह के जले हैं होलिका की तरह
उन्हे भी बताया जा रहा हैं कि
स्वच्छता है सबसे ज़रूरी
जैसे वे बने ही नहीं हैं हाड़ मांस से
बस थोड़ा हंसिया खुरपी चलाई
थोड़ा तेल तीली डाली और बस्स देखो कैसा
भह-भह के जले हैं होलिका की तरह
दुनिया भर के अखबारों और
टीवी चैनलों से बाहर
बिखरी पड़ी हैं लाशें
उत्तर से दक्षिण तक
पूरब से पश्चिम तक
अंग- भंग, लथ – पथ,
जली -अधजली
जवान मर्दों की
औरतों की, बच्चों की लाशें
टीवी चैनलों से बाहर
बिखरी पड़ी हैं लाशें
उत्तर से दक्षिण तक
पूरब से पश्चिम तक
अंग- भंग, लथ – पथ,
जली -अधजली
जवान मर्दों की
औरतों की, बच्चों की लाशें
स्वच्छता कार्यक्रम जोरों पर है
और ये कोई आज की बात नही
यह तो सांस्कृतिक कार्यक्रम है
जो चलता रहता है
धार्मिक अनुष्ठानो के साथ साथ
और ये कोई आज की बात नही
यह तो सांस्कृतिक कार्यक्रम है
जो चलता रहता है
धार्मिक अनुष्ठानो के साथ साथ
अब तो हत्यारों ने
नए तंत्रो,
नए यंत्रों
नए मंत्रों से
वधस्थलों का ऐसा आधुनिकीकरण कर दिया हैं
कि लाशें भी शामिल होती जा रही हैं
अपनी मृत्यु के उत्सव मे
नए तंत्रो,
नए यंत्रों
नए मंत्रों से
वधस्थलों का ऐसा आधुनिकीकरण कर दिया हैं
कि लाशें भी शामिल होती जा रही हैं
अपनी मृत्यु के उत्सव मे
छाता
आपके पास छाता है
आपके पास लाल रंग का छाता है
नारंगी रंग का, हरे रंग का, नीले रंग का
और पीले रंग का भी छाता है
आपके पास सतरंगी छाता है
आपके पास लाल रंग का छाता है
नारंगी रंग का, हरे रंग का, नीले रंग का
और पीले रंग का भी छाता है
आपके पास सतरंगी छाता है
आप लाल रंग का छाता लगाते है
आपका चेहरा लाल हो जाता है
आप हरे रंग का छाता लगाते है
आपका चेहरा हरा हो जाता है
आपके पास बहुत सारे छाते है
जिन्हे आप बदल बदल कर लगाते है
आपका चेहरा लाल हो जाता है
आप हरे रंग का छाता लगाते है
आपका चेहरा हरा हो जाता है
आपके पास बहुत सारे छाते है
जिन्हे आप बदल बदल कर लगाते है
आप उबते नहीँ,
उबते हैँ तो नया छाता ले आते है
आपके दोस्तो के पास भी हैँ बहुत सारे छाते
आप सब मिल कर
उबते हैँ तो नया छाता ले आते है
आपके दोस्तो के पास भी हैँ बहुत सारे छाते
आप सब मिल कर
रंग बदलने वाला खेल खेलते है
मै दूर खड़ा
आपका यह खेल देखता हूँ
मेरे पास कोई छाता नहीँ
धूप बढ़ती जा रही है
मेरा चेहरा काला होता जा रहा है
और गर्म भी.
आपका यह खेल देखता हूँ
मेरे पास कोई छाता नहीँ
धूप बढ़ती जा रही है
मेरा चेहरा काला होता जा रहा है
और गर्म भी.
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